जयपुर के स्थापित होने से पूर्व अश्वमेघ यज्ञ के दौरान महाराजा सवाई जय सिंह ने गढ़ गणेश मंदिर का निर्माण किया| उन्होंने मंदिर बनाकर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित किया। इसके बाद उन्होंने जयपुर की नींव रखी। उन्होंने मूर्ति को इस तरह स्थापित किया जिससे वह अपने जयपुर के चन्द्र महल से दूरबीन की मदद से मंदिर को देख सके| गढ़ गणेश में भी ‘ध्वजधीश’ के रूप में बरी – चौपर का गणेश मंदिर है।
भद्रप्रद शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी पर, हर साल पांच दिनों का मेला आयोजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, दिवाली के बाद के पहले बुधवार को, ‘अन्न-कूट’ का आयोजन किया जाता है और पिछले वर्ष बुधवार को ‘पौष महीना अयोजीत किया गया था। ‘पौष बड़े’ का सारा आयोजन मंदिर की व्यवस्था और प्रबंधन ‘औध्चय’ परिवार द्वारा किया जाता है। वर्तमान में माननीय श्री प्रदीप औधच्य, गढ़ गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। वह मंदिर के 13 वें पुजारी हैं|
गढ़ गणेश मंदिर का समय: सुबह- 7 बजे से दोपहर 12 बजे, शाम 4 बजे से शाम 9 बजे तक
सड़क से: गढ़ गणेश मंदिर ब्रह्मपुरी जयपुर के पास स्थित है और शहर के बाहरी इलाके में गेटर रोड पर स्थित है। यह जयपुर रेलवे स्टेशन से 7 किमी की दूरी पर है और बस और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
रेल द्वारा गढ़ गणेश मंदिर: जयपुर, जयपुर रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है जो प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, आगरा, मुंबई, चेन्नई, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों से भी जुड़ा हुआ है।
हवाई यात्रा से: गढ़ गणेश मंदिर, जयपुर हवाई अड्डे के जरिए पहुंचा जा सकता है, जिसे संगनेर हवाई अड्डे भी कहा जाता है जो दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद, जोधपुर और उदयपुर से नियमित डोमेस्टिक उड़ानों के साथ भलीभांति जुड़ा हुआ है।