जयपुर का गलता जी मंदिर, एक प्राचीन हिंदू तीर्थस्थल है, जो ख़ानिया -बालाजी राजस्थान के शहर में स्थित है। सवाई जय सिंह II के सेवक दीवान राव कृपाराम ने 18 वीं सदी में गलता जी मंदिर का निर्माण किया था। इस मंदिर के पीछे की कहानी यह है कि संत गालव ने यहाँ 100 वर्षो तक तपस्या की थी। गालव की तपस्या से खुश होकर, देवताओं ने आशीर्वाद के तौर पर उसे प्रचुर मात्रा में जल दिया। इस मंदिर में पवित्र कुंड है जहाँ तीर्थयात्री स्नान भी करते है।
संत गलवा ने सत्युग में लगभग 60,000 वर्षों तक तपस्या की थी और प्राचीन विश्वासों के अनुसार वे पवित्र गंगाजी को गलता जी लेकर आये थे जो गौ -मुख द्वारा बाहर आती है।
जयपुर के गहनों में से गलता जी मंदिर में प्राकृतिक ताज़े पानी के झरने और 7 पवित्र कुंडों या पानी के टैंकों का अद्भुत मिश्रण है। ‘गलता कुंड’, सबसे पवित्र माना गया है जो कभी सुखा नहीं पड़ता। ‘गौमुख’, नामक झरना जो गाय के मुख के आकार की चट्टान में से होकर निकलता है जिसका जल टैंको में आकर गिरता है। गलता मंदिर अरावली में स्थित है, इसलिए यह घने पेड़ों और झाड़ियों से घिरा हुआ है। इस ईमारत की दीवारों , छतों और खम्बो पर अद्भुत चित्रकारी की गयी है । इसके अलावा इसे ‘बंदरों के मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है, हाल ही में नेशनल ज्योग्राफिक की बहु पुरस्कृत द्वारा मंकी थीव्स के विजेता घोषित किया गया है |
गलता जी मंदिर का समय : सूर्योदय से सूर्यास्त में सप्ताह के सभी दिन |
गलता जी मंदिर जयपुर शहर से 10 किमी दूर स्थित है। जयपुर सड़क, रेल और हवाई जहाज से भलीभांति जुड़ा हुआ है। जयपुर दिल्ली से सिर्फ 268 किलोमीटर दूर है।