जैसमंद झील में 3 द्वीप हैं जो भील मिनस की जनजातियां द्वारा बसा हुआ है। इसमें से दो बड़े द्वीपों को एक साथ “बाबा का मागरा” और तीसरे को “पियारी” और उपनाम के रूप में ‘विजय का महासागर’ (‘मँड’ अर्थ ‘महासागर’) कहा जाता है। 1902 में ब्रिटिश द्वारा अंग्रेजों ने असवान बांध की इमारत तक दुनिया का सबसे बड़ा झीलों में से एक जैसलैंड झील बने। उदयपुर के महाराणा जय सिंह ने एक गोमती नदी पर 36.6 मीटर का विशाल बांध बनाया था और 2 जून, 1691 के दिन उसके उद्घाटन के दिन अपने वजन के बराबर सोना बाँटा था।
जैसलमंद झील या धेबर झील उदयपुर की रानियों के गर्मियों वाले महलों से घिरी हुई है। झील पर 366 मीटर लंबा, 35 मीटर ऊंचा और 21 मीटर चौड़ा एक बांध है। इसका मुख्य आकर्षण इसका सुंदर संगमरमर से बना बांध है जिसमें छह खूबसूरत स्मारक हैं और बीच में भगवान शिव का एक पवित्र मंदिर है। जैसमंद झील के उत्तरी छोर पर एक आंगन है और दक्षिणी छोर पर 12 खंभों का मंडप है।
जैसमंद वन्यजीव अभ्यारण्य के कारण जैसमंद झील के पास बहुत समृद्ध वन्य जीवन है। जैसमंद द्वीप रिज़ॉर्ट, जो एशिया में सबसे शानदार और महंगे होटल रिसॉर्ट्स में से एक है, वो झील के एक द्वीप पर स्थित है।
नांव की सवारी की लागत– 30-80 / –
जैसमंद वन्यजीव अभयारण्य शुल्क: भारतीय- 10 / – विदेशियों- 80 रुपये, कैमरा: 200 / –
समय: 10 बजे से शाम 5 बजे तक, सभी दिन खुला है ।
जैसमंद झील का स्थान: जैसमंद झील उदयपुर जिले के दक्षिण भाग में स्थित है। यह उदयपुर से 50 किमी की दूरी पर है। इस जिले में राज्य सरकार और निजी बस सेवा की एक अच्छी संख्या है। जिला मुख्यालय से जैसमंद तक सीधी नियमित बसें भी हैं।