राजस्थान पर्यटक गाइड

दुलैंडी

User Ratings:

होली एक आनंदभरा और प्रभावशाली त्यौहार है जो मार्च के महीने  में मनाया जाता है, फ़ाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन इसे मनाया जाता है इसकी शुरूआत होली से एक दिन पूर्व संध्या पर होलिका दहन से शुरू हो जाती है। अगले दिन, बड़ी टोली में लोग अपने घरों से बाहर आते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं जिसे ‘गुलाल’ कहा जाता है। वे गुब्बारे और रंगीन स्प्रे से एक दूसरे पर रंगीन पानी भी डालते हैं। होली ऐसा त्यौहार  है जो पुरानी बातों को भुलाकर और दूसरों के साथ नर्मी और उच्च भावना से मिलते है।

दुलैंडी या होली त्यौहार पर राजस्थान के लोग मस्ती और रोमांच के साथ जोश से भर जाते है। वे राजस्थान के  घूमर और घेट जैसे लोक नृत्य करते हैं। घूमर राजस्थान का एक पारंपरिक नृत्य है। यह महिलाओं द्वारा  किया जाने वाला एक लोक नृत्य है, जिसे भील आदिवासी द्वारा शुरू किया गया था और बाद में इसे राजपूतों द्वारा अपनाया गया। इस नृत्य को घाघरा पहनकर, महिलाओं के एक समूह द्वारा किया जाता है, जो पुरुष और महिलाओं सहित दोनों  कोरस गायकों द्वारा किया जाता है ।  घेत  एक और नृत्य है जो होली के उत्सव पर किया जाता है। जो आमतौर पर पुरुषों द्वारा किया जाता है घेत को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे राजस्थान में दांडिया घेर और शेखावती क्षेत्र में गींदद। यह एक प्रकार का नृत्य है, जो कुछ घूमर जैसा है। इसके अलावा भील आदिवासियों द्वारा शुरू किया गया था। यह नृत्य पुरुष और महिला द्वारा मुख्यतः होली त्यौहार के दौरान किया जाता है। बच्चें  एक दूसरे पर गुब्बारे फेंक कर आनंद लेते हैं।

इस त्यौहार के दौरान पूरा देश होली के रंग में रंग जाते है।  होली के त्यौहार के दौरान बाजारों रौनक रहती है।  यहाँ त्यौहार से एक दिन पहले सड़क के किनारे पर  कई प्रकार के गुलाल और अबायर्स वाले विभिन्न होली रंग मिलते हैं। पिच्कारीयों के नए डिजाइन जो शहर में लोगों को भिगोने के काम आती है। आम तौर पर होली के समय तैयार होने वाले  गुंजिया, मठरी, दही भल्ला, थंडाई और पापड़ी जैसे विशेष प्रकार के व्यजंन राजस्थान में घर पर महिलाएं या गृहिणियाँ अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के लिए बनाती हैं। कुछ स्थानों पर लोग इस समय पापड़ और आलू के चिप्स भी तैयार करते हैं। रंग की भावना पूरे देश को ट्रान्स में डालती है।

Dulhendi

Dulhendi

Comments are closed.