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बाणगंगा मेला

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बाणगंगा मेला हर वर्ष वैशाख की पूर्णिमा को मनाया जाता है जो अप्रैल-मई माह में जयपुर जिले के ऐतिहासिक टाउनशिप बैराथ से एक नदी के पास लगता है। माना जाता है कि यह नदी पाँच पांडवों में से एक अर्जुन द्वारा बनाई गई थी।

बाणगंगा मेले में, इस समय आप लोगों को इस पवित्र स्थान पर  स्नान  करते हुए और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए है देख सकते है, जिस कारण इस मेले को बहुत शुभ माना जाता है।  यहाँ तीर्थयात्री, अलवर, बैरोर, जयपुर, भरतपुर और कई अन्य जगहों से आते हैं। यहाँ कुछ लोग तीर्थ यात्रा के लिए भी मेले में आते हैं, विभिन्न समुदायों के व्यापारी मेले में अपना माल बेचने के लिए आते है। जो माल बेचा जाता है उसे सादे ग्रामीण आभूषणों से लेकर खिलौनों और घरेलू सामान तक परिवर्तित किया जा सकता है।
मेले में खरीदारी और बिक्री, से मेले में हलचल बढ़ जाती है। जाइंट वील और मैरी-गो-राउंड राइड बच्चों और बड़ो को बहुत लुभाता है। बैरथ जयपुर से सिर्फ 85 किलोमीटर की दूरी पर है और जयपुर और मेड के बीच एक नियमित बस सेवा है (जहां से बाणगंगा केवल कुछ किलोमीटर की दूरी पर है)।

बाणगंगा मेले का समय और तिथियाँ: वैसाख के पूर्णिमा दिवस पर (अप्रैल-मई)

Banganga-Fair

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