इसे संगानेर के जैन मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, इसमें उच्च ‘शिखर’ (शिखर) है और इसके भीतरी पवित्र स्थान आठ उच्च शिखर (शिखर) पत्थर से बना है। यहाँ भूमिगत भाग के मध्य में एक छोटा प्राचीन मंदिर है जो यक्ष (देव) के रक्षक है।
जयपुर के जैन मंदिर का मुख्य भाग कलात्मक भीतरी मंदिर है जिसे निज मंदिर कहा जाता है जो तीन चोटी के साथ पत्थर से बना मंदिर है। यहाँ पार्शवनाथ की 7 नागो से ढकी एक मूर्ति है और उनके आसपास कमल, हाथी और लता का सुंदर नक्काशियां भी की गयी है। भगवान आदिनाथ की मुख्य मूर्ति इस छोटे मंदिर में रखी गई है।
सड़क मार्ग से: जैन मंदिर जयपुर शहर में कोटा में स्थित है, -जयपुर रोड। निकटतम बस स्टैंड शहर बस स्टैंड है और यहां आसानी से स्थानीय टैक्सी या टैक्सी के साथ यहां पहुंचा जा सकता है।
रेल द्वारा: जैन मंदिर, जयपुर से जयपुर रेलवे स्टेशन से प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, आगरा, मुंबई, चेन्नई, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, अहमदाबाद के रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
हवाई जहाज से: जैन मंदिर जयपुर हवाई अड्डे के जरिए पहुंचा जा सकता है, जिसे सांगनेर एयरपोर्ट भी कहा जाता है जो दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद, जोधपुर और उदयपुर से नियमित डोमेस्टिक उड़ानों के से जुड़ा हुआ है।