राजस्थान पर्यटक गाइड

लोदुरवा जैन मंदिर

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लोदुरवा जैन मंदिर, जैसलमेर शहर से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोदुरवा, भट्टी राजपूतो की प्राचीन राजधानी जो एक समृद्ध शहर था, लेकिन भट्टियों द्वारा अपनी राजधानी जैसलमेर को स्थानांतरित करने पर उसने अपनी साडी सानो शोकत खो दी थी| प्राचीन काल के जैन मंदिरों की वजह से नाकोडा एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। सबसे लुभावनापूर्ण अनुभव विदेशी लोदुरवा खंडहरों के बीच मोर नृत्य होगा।

जैन मंदिर चमकदार पीले बलुआ पत्थर से बना है। हालांकि खराब हालत में भी, इस  जैन मंदिरों की भव्यता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। इन मंदिरों की दीवारें 23 वे  जैन तीर्थंकर भगवान पार्शवनाथ  की छवियों से सुंदर रूप से सुशोभित की गई हैं। मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक शानदार और प्रभुत्व मेहराब है जो दिलवाड़ा शैली में मंदिर की वास्तुकला है लोदुरवा, भट्टी राजपूतों की प्राचीन राजधानी हुआ करती थी है और जो एक समय में एक समृद्ध शहर हुआ करता था, जब तक वह जैसलमेर राजधानी नही बन गयी । नाकोडा के अन्य आकर्षण  स्थानों में  हिंगलाज माता मंदिर, चामुंडा माता मंदिर, और शिव के पुराने मंदिर हैं।

यात्रियों के लिए सूचना

लोदुरु जैन मंदिर का स्थान: लोदुरवा जैन  मंदिर जैसलमेर रेलवे स्टेशन से सिर्फ 8 किमी की दूरी पर  स्थित है, जैसलमेर हवाई अड्डे से लगभग 10 किमी दूर है। यह सड़क के रस्ते से भी जैसलमेर पंहुचा जा सकता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटक को  टैक्सी, कैब, ऑटो रिक्शा, बस आसानी से मिल जाती  है।

लोदुरवा जैन मंदिर का  समय: यात्री सुबह से शाम  किसी भी समय मंदिर की यात्रा कर सकता है।

lodurva temple

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