आमेर का जगत शिरोमणि मंदिर राजस्थान के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है और मूल रूप से इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के भक्त बड़ी संख्या में आते है। आमेर का यह मंदिर यहाँ का सबसे लोकप्रिय है और पर्यटकों का आकर्षण केंद्र है और यह मंदिर राजस्थान के धार्मिक स्थलो में से एक भी है। इस मंदिर का निर्माण रानी कंकावति ने करवाया था जो राजा मानसिंह की रानी थी जिन्होंने यह मंदिर अपने पुत्र जगत सिंह की याद में बनवाया था।
इस मंदिर की संरचना सुंदर है और यह माना जाता है कि सन 1599-1608 ईसवी के बीच यह बनाया गया था। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण व उनकी प्रसिद्ध भक्त मीराबाई को समर्पित है। लोग अनंदित अवसर जैसे जन्माष्टमी पर अलग अलग शहरों से यहाँ बड़ी संख्या में आते है और यह वैष्णवियों का पवित्र स्थान भी माना जाता है। यह मंदिर आमेर क़िले के नज़दीक है, मंदिर के क़िले की रचना सुंदर है। और इस मंदिर के दो मुख्य द्वार है। मंदिर का एक मुख्य द्वार आमेर शहर के मुख्य मार्ग से नज़र आता है और दूसरा द्वार आमेर महल के सीड़ियों के मार्ग से जुड़ा है, यह रास्ता मंदिर के आँगन को जाता है।
इस मंदिर को लेकर कई कहानियाँ है और इसके अनुसार मीरा बाई मेवाड़ में 600 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण की जिस मूर्ति को पूजा करती थी, कहा जाता है की इस मंदिर में श्री कृष्ण की वही प्रतिमा है। और भगवान श्री कृष्ण की यह प्रतिमा आमेर के शासकों ने मेवाड़ राज्य के साथ मुग़लों से युद्ध के समय बचायी थी। मुग़ल इस प्रतिमा को नष्ट करना चाहते थे मगर यह प्रतिमा सुरक्षित आमेर लायी गयी और आमेर के इस मंदिर में इसकी स्थापना की गयी। मंदिर में केवल श्री कृष्ण की प्रतिमा ही नही बल्कि उनके भक्त के रूप में मीरा बाई की प्रतिमा भी लगवायी गयी।
मीरा बाई एक राजपूत महिला थी,और आगे चलकर उनका विवाह राजा भोज से हुआ।लेकिन वो अपनी भक्ति में लीन रहा करती थी उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन श्री कृष्ण के नाम कर दिया था। मीरा बाई ने श्री कृष्ण पर बहुत सी कविताएँ व भजन भी लिखे थे|