इस मंदिर पर सभी हिंदुओं का गहरा विश्वास है और इसकी ऐतिहासिक विरासत है जिसमे मूर्ति की वास्तुकला, नक्काशी, उत्कीर्णन, मोज़ेक का काम, भौतिकीय परिपथों का सौंदर्य है। लोग मंदिर को पवित्रता और शुद्धिकरण का प्रतीक मानते हैं क्योंकि गंगा हिन्दुओ द्वारा एक पवित्र नदी के रूप में जानी जाती है|
यह दो मंजिला मंदिर वास्तुकला की विभिन्न टाइलों का एक अच्छा मिश्रण है जो वास्तुकला दृष्टि से कम देखने को मिलता है| मंदिर के खम्बें और पैनलों पर नक्काशी का काम किया गया है। एक तरफ मुख्य द्वार पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति है जिसमें उन्होंने अपने हाथ में गिरीराज पर्वत को लिया हुआ हैं जबकि दूसरी ओर शिव पार्वती और लक्ष्मी नारायणजी हैं। मंदिर की खासियत यह है कि राजा और रानी अपने महल से गंगा महारानी के दर्शन कर सकते है और आज भी उनके शाही महल में एक खिड़की है जो श्री गंगाजी मंदिर की ओर खुलती है जिससे राजा रानी गंगाजी के दर्शन कर सकते है|