राजस्थान पर्यटक गाइड

सरदार समंद झील

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सरदार समंद झील को 1933 में महाराजा उमैद सिंह ने बनाया था। यह झील जोधपुर पाली सड़क पर जोधपुर शहर के दक्षिण-पूर्व से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सरदार समंद झील महल, महाराजा उमैद सिंह का गर्मियों के समय में रहने वाला महल है, जो झील के किनारे पर स्थित है और आकर्षण जगहों में से एक है। और अब यह एक विरासत होटल में परिवर्तित हो गया है, जो अपने आतिथियों को शाही सुविधाएं उपलब्ध कराता हैं।

सरदार समंद झील का आकर्षण

इस सरदार समंद झील के दृश्य आकर्षक है। इसके प्रवासी पक्षियों की अनगिनत खासियत लोगों को आकर्षित करता है। पक्षियों को देखने वाले लोग यहाँ प्रवासी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देख सकते है। जोधपुर से सरदार समंद झील के रास्ते में, यहां इस क्षेत्र के वन्य जीवन में विशेष रूप से काले हिरण, नीलगाय और चिंकारा को खुला घूमते हुए देख सकते है। यहाँ बिश्नोई गांवों के लोगों  की मुस्कुराहट का आनंद भी ले सकते हैं। बिश्नोई अपने पौधे औऱ पशु  को समान रूप से संरक्षित करने के लिए जाने जाते हैं।

सरदार समंद झील पैलेस

इस स्थान की समभाव और शांति न केवल पर्यटकों को लुभाती है, बल्कि प्रवासी पक्षियों की एक दिलचस्प किस्म भी देखने को मिलती है।महाराजा उमैद सिंह का  सुंदर समर पैलेस, सरदार संमद लेक रेसोर्ट जिसे पहले जोधपुर राजाओं द्वारा शिकार के रूप में प्रयोग किया जाता था इस झील के किनारे आज भी खडे़ है। यह एक पहाड़ी पर उपर की तरफ देखने से बड़ा लगता है। इस रिज़ॉर्ट के सभी मूल आकृतियों को बनाए रखा गया है और रेखांकन मैदान और उद्यान रमणीय सैर पेश करते हैं। रिसॉर्ट शानदार झील के सबसे लुभावने दृश्यों को  दिखाता है, जो इस स्थान के पर्यटकों को एक बड़ी संख्या में आकर्षित करता है।

Sardar-samand-lake

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